Thursday, 31 January 2019

दो दिलों के मेल की एक कहानी जिसमें भावनाओं और प्रेम का संगीत है

एक मूवी है लव स्टोरी की। लड़का और लड़की पहले दोस्त होते हैं और फिर प्यार हो जाता है लेकिन प्यार का इजहार कोई नहीं करता। एक दिन लड़की इजहार करना चाहती है तो लड़का गायब। फिर वही दिल टूटना और फिर जब सब नाॅर्मल था तो अचानक लड़के को दोबारा वापस आना। इसी तर्ज पर है ये किताब। लेकिन ऐसे कहना थोड़ा नकारात्मकता दिखा रहा है। अपने आस-पास कई कहानी हैं, हर किसी की कहानी है। चाय की चर्चा से लेकर, गली के नुक्कड़ में कहानी है लेकिन उसे ढ़ूढ़ना कहानीकार का काम है। बस उसी कहानी को ढ़ूढ़ने के चक्कर में वो फिल्म वाली स्टोरी बन जाती है। जिसका नाम है- ‘हर किसी की होती है कहानी’।


सवि शर्मा- लेखिका।
इस किताब को अपने शब्दों से तराशा है सवि शर्मा ने। सवि शर्मा ने सीए की पढ़ाई छोड़कर कहानीकार बनने का सपना पूरा किया। उनकी अब तक तीन किताबें आ चुकी हैं।उनका पहला उपन्यास ‘एवरी वन हैज ए स्टोरी’ है, जिसे उन्होंने खुछ प्रकाशित भी किया था। हाल ही में इसी का दूसरा पार्ट भी आ चुका है। सवि शर्मा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं, खासा इंस्टाग्राम पर। उनके बारे में किताब में लिखा है कि उन्हें कैफे में बैठकर लोगों को परखना पसंद है, जहां से अक्सर उन्हें अपनी कहानियां मिलती हैं।

किताब में कहानी


एक लड़की है मीरा। जो एक अच्छे से कैफे में अक्सर आती है और काॅफी पीती है। उसे एक कहानी की जरूरत है जो वो यहां आए लोगों में खोजती है। ऐसे ही एक बुक लाॅचिंग के दिन उसे एक कहानी मिल जाती है, विवान की कहानी। उसी कहानी को पाने के लिये वो उस लड़के के बारे में जान लेना चाहती है लेकिन उनकी मुलाकात जल्दी नहीं हो पाती है। लेकिन एक तयशुदा योजना उनको मिला ही देती है उसी कैफे में, जहां मीरा ने पहली बार उसे देखा था।

किताब की कहानी दो एंगल से चलती है। एक नजरिया होता है मीरा का और दूसरा नजरिया विवान का। इसलिये ये कहने गलत है कि ये मीरा की कहानी है। इससे बेहतर ये है कि दो अजनबियो की कहानी जो एक-दूसरे से किसी न किसी मकसद से मिलना चाहते हैं।

मीरा तो किताब के लिए विवान से मिल रही थी क्योंकि उसे उसमें कोई कहानी दिखती थी। जबकि विवान घूमना चाहता था मुसाफिरों की तरह। विवान उसे वो कहानी सुनाता है जो वो सुनाना चाहता है। विवान की जिंदगी में कोई मोड़ न देखकर मीरा निराश हो जाती है। तभी किताब की कहानी पलटती है और वो पहुंच जाती है कैफे में काम करने वाले कबीर के पास। कबीर के पास भी एक कहानी है और उसी कहानी को वो सुनते हैं।

कहानी फिर भी विवान-मीरा से अलग नहीं भागती है दोनों अब हर पल साथ में गुजारने लगते हैं। ज्यादा देर तक वे उसी कैफे में होते और अपनी बातें करते। कहानी बड़े ही हौले-हौले चलती है मानों न लेखक को कोई जल्दी है और न ही पाठक को। मीरा-विवान को एक-दूसरे से प्यार हो जाता है लेकिन अगले दिन कुछ ऐसे घटता है जो एक सपना रहता है और दूसरे का दुःख बन जाता है। कहानी आखिर तक दो फेस तक चलती है। जब मीरा बेतरतीब होकर रोती रहती है और विवान दुनिया के बेहतरीन नजारों को देख रहा होता है। दोनों ही नजरियों में एक-दूसरे के लिए प्यार उमड़ ही आता है। कभी वो उन्हें सनसेट में दिखता, कभी रेत में।


कहानी इन खुशी के मोड़ के बाद, सपनों के सपोलों से होकर अंत तक बढ़ती है। जैसे-जैसे मैं आगे बढ़ता हूं। मुझे अंत सताता है कि कहीं ऐसा न हो कि दोनों मिल न पायें। मैं जल्दी ही कहानी का आखिर जानना चाहता था लेकिन क्रम से। अंत दुख तक चला जाता है और फिर मीरा अंधेरे में डूब जाती है और विवान साथ होकर भी साथ नहीं हो पाता है लेकिन आखिर की कुछ लाइनें मेरे चेहरे पर मुस्कान ला देती है क्योंकि कहानी के आखिर वैसा ही हुआ था जैसा मैं चाहता था ‘खूबसूरत’।

अन्य किरदार


किताब की कहानी सिर्फ प्यार की कहानी नहीं है। ये कहानी है दोस्तों की भी है जिसमें मीरा और विवान तो हैं ही, उसके अलावा निशा और कबीर भी हैं। ऐसी दोस्ती जिसे अपना हक जमाना भी आता है और बुरे वक्त में साथ देना भी। दोस्त से अगर गलती हो जाए तो उसे माफ करके गले लगाना भी आता है। ऐसी ही दोस्ती की भी एक अच्छी कहानी है ये किताब।

किताब से कुछ


हमारी किस्मत और सफर का फैसला समय के हाथों में ही होता है। और जब समय बदलता है, तो सब बदल जाता है। सब कुछ। कभी बुरे के लिए, और कभी अच्छे के लिये। तुमसे मिलने से पहले तक मैं ऐसा कभी नहीं मानता था।
           यह कोई कहानी नहीं है, और शायद प्यार भी नहीं। यह कहानियों से ज्यादा वास्तविक और प्यार से ज्यादा ताकतवर है। यह तुम हो। हां, तुम। सच्ची और ताकतवर।

किताब की खूबी


किताब की खूबी उसकी कहानी से ज्यादा उसके शब्दों में है, जो बिना हड़बड़ाहट के धीरे-धीरे चलती है। मानों लगता है कहानी में रसता कहानी नहीं वो बातें हैं जो मीरा और विवान खुद से कहते हैं। उसके अलावा कहानी में उतार-चढ़ाव और अचानक से होती घटनाएं इसकी खूबी है और दो एंगल से कहानी बताई गई जो कहानी को बेहतर बनाता है।

इस किताब को मैंने हिंदी में पढ़ा है। मेरे ख्याल से लेखक ने जैसी अंग्रेजी में लिखी है अनुवादक ने वैसी ही हिंदी में रखा है। जो प्यार के बारे में पढ़ना चाहते हैं तो बकवास कहानियों से बेहतर है कि इस किताब को पढ़ें।

मुझे ये किताब अच्छी लगी। इसमें बोर होने के लिए कुछ नहीं है। मैंने किताब पढ़नी शुरू की और फिर पढ़ता चला गया। मुझ कई बार लगा कि ये कोई काल्पनिक कहानी नहीं है ये उसी लेखिका की तराशी हुई कहानी है जो उसने मीरा बनकर कह दी है। अब ये शायद लेखिका के लेखन की खूबी है कि उसे पाठक रम जाये। जहां उसे मोबाइल की घंटी की आवाज की बजाय किताब के पन्नों की सरकने की आवाज आये।

बुक- एवरीवन हैज स्टोरी(हिंदी)लेखिका- सवि शर्माअनुवादक- उर्मिला गुप्ताप्रकाशन- वेस्टलैंड पब्लिकेशन लिमिटेड।

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